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लखनऊ। इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ लाइब्रेरी एसोसिएशन (इफला), नीदरलैंड का 87 वां अधिवेशन डबलिन, आयरलैंड में आयाजित किया गया। भारत की ओर से इस अधिवेशन का प्रतिनिधित्व बीबीयू के प्रो एमपी सिंह ने किया। यह आयोजन आयरलैंड में बीती 26 से 29 जुलाई को आयोजित किया गया। जिसमें विश्व समुदाय के लगभग सभी महाद्वीपों अटलांटिका, एशिया, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका, अंटार्कटिका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया के छियानबे देशों के लगभग तीन हज़ार प्रतिभागियों ने भाग लिया।
इस सम्मेलन में प्रो. एम.पी. सिंह द्वारा भेजे गये शोध पेपर जिसका शीर्षक था नकली समाचार के खिलाफ एक जंग, जिसको भारत में केंद्रीय विश्वविद्यालय के पुस्तकालयों का सर्वेक्षण” फाइटिग अगेंस्ट फेक न्यूज ए स्टडी ऑफ सेंट्रल यूनिवर्सिटी लाइब्रेरीज इन इंडिया को इफला शोध पेपर चयनित समिति के सदस्यों द्वारा इंस्पायर ट्रैक के सामाजिक विज्ञान पुस्तकालय अनुभाग और समाचार मीडिया अनुभाग के 058 सत्र के समाचार साक्षरता आपकी लाइब्रेरी में नकली सूचनाओं से लड़ना के अंतर्गत विश्व भर से केवल छ पेपरों चयन किया गया जिसमें प्रो. सिंह के शोध पेपर को इफला समिति ने वक्ता के रूप में आमंत्रित किया। इस सम्मेलन मे भारत से प्रो. एम.पी. सिंह, पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान विभाग, बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय (केंद्रीय विश्वविद्यालय) लखनऊ, उत्तर प्रदेश ने भी लिया। इस सम्मेलन में प्रो. सिंह के द्वारा भेजे गए शोध पेपर जिसका शीर्षक “गलत/ नकली समाचार के खिलाफ एक जंग, भारत में केंद्रीय विश्वविद्यालय के पुस्तकालयों का सर्वेक्षण” फाइटिग अगेंस्ट फेक न्यूज ए स्टडी ऑफ सेंट्रल यूनिवर्सिटी लाइब्रेरीज इन इंडिया को इफला शोध पेपर चयनित समिति के सदस्यों द्वारा इंस्पायर ट्रैक के सामाजिक विज्ञान पुस्तकालय अनुभाग और समाचार मीडिया अनुभाग के 058 सत्र के समाचार साक्षरता आपकी लाइब्रेरी में नकली सूचनाओं से लड़ना के अंतर्गत विश्व भर से केवल छ पेपरों चयन किया गया जिसमें प्रो. सिंह के शोध पेपर को इफला समिति ने वक्ता के रूप में आमंत्रित किया। प्रो. सिंह द्वारा प्रस्तुत शोध पेपर के दौरान बताया कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से संदेहप्रद एवम् गलत सूचना से विश्व समुदाय में किस प्रकार भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है और सामाजिक सद्भाव का समन्वय नहीं बन पाता। जिससे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म विश्व के लिए एक बड़ी समस्या बनता जा रहा है। प्रो सिंह ने इस दौरान सभी पुस्तकालय कार्यरत कर्मियों को उनकी जिम्मेदारी व जवाबदेही के प्रति आगाह करते हुए कहा कि यह सही समय है जब आप विश्व समुदाय के बीच बहुमूल्य कड़ी के रूप में कार्य कर सकते है। उन्होंने कहा कि आप अपने पुस्तकालय के माध्यम से अपने पाठकों को समय-समय पर सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर उपलब्ध गलत सूचनाओं के बारे में जागरूकता अभियान, प्रशिक्षण, सही या गलत सूचना की जाँच के लिए उपलब्ध स्रोतों, सॉफ़्टवेयरों व अन्य टूल्स का प्रयोग करने की सलाह दी और सरकारों एवं संस्थानों को सयुंक्त प्रयास कर इस संदर्भ में नीति बनाने पर भी ज़ोर दिया जिससे आधुनिक समाज में किसी भी प्रकार की गलत व संदेहप्रद सूचना से अवगत कराया जा सके और विश्व समुदाय को भय, दंगे व विद्रोह से बचाया जा सके। प्रो.सिंह ने विश्व समुदाय से अपील करते हुए कहा कि सही सूचना की प्रमाणिकता, जाँच के लिए उपलब्ध स्रोतों, सॉफ़्टवेयरों आदि के पश्चात ही विश्वसनीयता पर विश्वास करना चाहिए। प्रो. सिंह ने बताया कि इस कॉन्फ्रेंस ने व्यापक तौर पर सोचने का एक नया आयाम प्रदान किया है जो कभी कल्पना भी नहीं की जा सकती है। वास्तव में ये कॉन्फ्रेंस वैश्विक बुद्धिमत्ता का प्रतिनिधित्व करता है जो ज्ञान के नये सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाहन किया है। प्रो. सिंह का यह प्रेजेंटेशन एवं उनका शीर्षक वर्तमान समय में काफी प्रासंगिक व उपयोगी है। प्रो. सिंह ने कहा कि यह उनके जीवन की अविस्मरणीय स्मृति है और वो चाहते हैं कि पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान के उभरते पेशेवरों को भी इस प्रकार के बड़े सम्मलेन में भाग लेने का मौका मिलना चाहिए। अपने इस शैक्षिणिक कार्यक्रम के दौरान प्रो. सिंह ने आयरलैंड की पूर्व राष्ट्रपति मैडम मैरी रॉबिंसन से मुलाकात की तथा मैडम रॉबिंसन ने भारत की समृद्धि की कामना करते हुए आने की इच्छा ज़ाहिर की। प्रो.सिंह इफला की अध्यक्ष मैडम बारबरा लिसोन से बातचीत को पुस्तकालय समाज के लिए काफी अहम बताया। प्रो. सिंह ने राजदूत अखिलेश मिश्रा से शिष्टाचार भेट कर उनके व्यक्तित्व की प्रशंसा व सराहना की। प्रो. सिंह ने इस दौरान राष्ट्रीय पुस्तकालय, संग्रालय, ट्रिनिटी कॉलेज, डबलिन विश्वविद्यालय पुस्तकालय, आयरलैंड इत्यादि संस्थानों का भ्रमण कर उनके कार्यशैली की जानकारी प्राप्त की। अंत में प्रो. सिंह ने बाबासाहब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के अधिकारियों की विशेषकर कुलपति प्रो. संजय सिंह का आभार व्यक्त किया की उनके प्रेरणास्रोत एवं सकारात्मक सोच से वह इस प्रतिष्ठित सम्मलेन में भाग ले पाए। साथ ही साथ उन्होंने आईसीएसएसआर, नई दिल्ली का भी तहे दिल से आभार व्यक्त किया जिसने उनको आर्थिक सहायता में मदद की। अंत में उन्होंने संकाय अध्यक्षा, संकाय सदस्यों, शोधार्थियों और अपने पूरे परिवार, विशेष कर माता जी का आभार प्रकट किया। इस उपलब्धि पर भारतीय सूचना सेवा के अधिकारी जय सिंह ने बधाई दी है।