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एक दिन पहले हुई हमास समर्थक रैली, फिर हुए केरल में बम धमाके, ब्लास्ट मामले की जांच करेगी 20 सदस्यीय टीम

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नई दिल्ली। केरल के एर्नाकुलम में सिलसिलेवार विस्फोट मामले की जांच 20 सदस्यीय टीम करेगी। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने इस बात की जानकारी दी है। साथ ही मामले में एफआईआर भी दर्ज कराई गई है। विजयन ने कहा कि सोमवार को सर्वदलीय बैठक होगी और विस्फोट की घटना के पीछे के लोगों को पकडऩे का प्रयास किया जाएगा। डोमिनिक मार्टिन नाम के एक व्यक्ति ने जिम्मेदारी ली और त्रिशूर जिले में पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। हालाँकि, पुलिस ने मामले में उसकी संलिप्तता की पुष्टि नहीं की है और उससे पूछताछ जारी है।
केरल के पुलिस महानिदेशक शेख दरवेश साहेब ने पुष्टि की कि कलामासेरी क्षेत्र में कन्वेंशन सेंटर में विस्फोट एक इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) के कारण हुए थे। रविवार को एक ईसाई समूह द्वारा आयोजित प्रार्थना सभा के दौरान हुए तीन विस्फोटों में दो महिलाओं की मौत हो गई और 50 से अधिक अन्य घायल हो गए। केरल के एर्नाकुलम ब्लास्ट मामले में केरल पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है. कलामासेरी कन्वेंशन सेंटर विस्फोट मामले में धारा 302, 307, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और यूएपीए के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।
मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने रविवार को कहा कि इसके अलावा, 20 सदस्यीय टीम सिलसिलेवार विस्फोट मामले की जांच करेगी। केरल एजीडीपी, कलामासेरी ने कहा कि डोमिनिक मार्टिन नाम के एक शख्स ने केरल के एर्नाकुलम जिले के एक कन्वेंशन सेंटर में हुए विस्फोट की जिम्मेदारी ली है। उस व्यक्ति ने केरल के त्रिशूर जिले में पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया और दावा किया कि उसने प्रार्थना सभा स्थल पर बम रखा था। हालाँकि, पुलिस ने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है कि धमाकों के पीछे उसका हाथ था या नहीं।
उन्होंने कहा कि उसका नाम डोमिनिक मार्टिन है और उसका दावा है कि वह सभा के एक ही समूह से है। हम इसकी पुष्टि कर रहे हैं। हम इस मामले के सभी पहलुओं पर गौर कर रहे हैं…विस्फोट हॉल के मध्य भाग में हुआ था। केरल के एक शीर्ष पुलिस अधिकारी ने कहा कि स्थिति का आकलन करने के लिए जांच जारी है लेकिन प्रारंभिक जांच से पता चला है कि विस्फोट एक आईईडी उपकरण के कारण हुए थे। अधिकारियों ने कहा कि उपकरण में एक विस्फोटक घटक होता है जो आग भडक़ाता है। हालाँकि, अभी तक कोई निश्चित जानकारी नहीं है और विस्फोटक सामग्री की निर्णायक पहचान विस्तृत फोरेंसिक जांच के बाद ही निर्धारित की जा सकती है।

 

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