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नियुक्ति पत्र वितरण समारोह शासन की मंशा की शुचिता और पारदर्शिता का उदाहरण-सीएम

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लखनऊ,(मॉडर्न ब्यूरोक्रेसी न्यूज)ः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से विगत 08 वर्षों में राज्य सरकार ने प्रदेश में युवाओं को लगभग साढ़े 08 लाख सरकारी नौकरियां प्रदान की हैं। विगत 08 वर्षों में प्रदेश ने प्रत्येक क्षेत्र में अभूतपूर्व सफलता प्राप्त की है। पहले युवाओं के सामने पहचान का संकट होता था। आज प्रदेश सरकार युवाओं को नई पहचान के साथ वैश्विक पटल पर स्थापित कर रही है।
मुख्यमंत्री आज यहां लोक भवन में मिशन रोजगार के अन्तर्गत आयुष विभाग के 163 चिकित्सा अधिकारी (आयुर्वेद), 02 उपाचार्य (आयुर्वेद), 19 प्रोफेसर (होम्योपैथी), 03 प्रवक्ता (होम्योपैथी) तथा गृह विभाग के अन्तर्गत विधि विज्ञान प्रयोगशाला मंे 96 कनिष्ठ प्रयोगशाला सहायकों को नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने नवचयनित कार्मिकों को नियुक्ति पत्र प्रदान किये। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह नियुक्ति पत्र वितरण समारोह स्वयं में शासन की मंशा तथा शासन द्वारा अपनायी गई शुचिता और पारदर्शिता का उदाहरण है। यदि यह भर्ती शुचितापूर्ण तरीके से नहीं होती तो इससे सम्बन्धित मामले न्यायालयों में लम्बित होने के कारण एक भी नियुक्ति प्रक्रिया समय से पूर्ण नहीं हो पाती। सरकार की कार्य पद्धति तत्परता के साथ निर्णय लेने तथा उन्हें शुचिता व पारदर्शितापूर्ण तरीके से जमीनी धरातल पर उतारने की है। इन कार्यों के उतने ही शुचिता तथा पारदर्शितापूर्ण परिणाम भी प्राप्त हो रहे हैं। यही परिणाम आज नए भारत के नए उत्तर प्रदेश का निर्माण कर रहे हैं। नए भारत का नया उत्तर प्रदेश भारत की अर्थव्यवस्था के ग्रोथ इंजन के रूप में सपोर्ट करने के लिए स्वयं को तैयार कर रहा है। यही प्रधानमंत्री जी की भी मंशा थी कि सर्वाधिक आबादी वाला राज्य उत्तर प्रदेश, देश के विकास में एक सहायक के रूप में खड़ा हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग तथा उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने शासन की मंशा के अनुरूप नियुक्ति प्रक्रिया को ईमानदारी व शुचितापूर्वक सम्पन्न कराया है। आयुष विभाग के अन्तर्गत आयुर्वेद, योग, नेचुरोपैथी, यूनानी तथा सिद्धा आदि सम्मिलित हैं। प्रधानमंत्री जी ने देश में आयुष से सम्बन्धित एक नये मंत्रालय का गठन किया। उन्होंने ट्रेडीशनल मेडिसिन पद्धति को प्रोत्साहित करने का काम किया। देश में इससे सम्बन्धित अच्छे संस्थानों का निर्माण किया गया। इन कार्यों के अच्छे परिणाम देखने को मिल रहे हैं। पहले लोग योग से घबराते थे लेकिन अब दुनिया के 193 देश अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस पर भारत के साथ जुड़ते हैं। यह दुनिया के मन में भारत की ट्रेडीशनल परम्परा के प्रति उत्पन्न श्रद्धा का नया भाव है। पहले भारत की विरासत को कोसना कुछ लोगों के लिए गर्व की बात होती थी। भारत की विरासत को जैसे ही मान्यता प्राप्त हुई तथा प्रधानमंत्री ने उसे आगे बढ़ाने का कार्य किया, योग विधा के साथ पूरी दुनिया जुड़ती हुई दिख रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आयुर्वेदिक पद्धति भारत के प्राचीन ऋषि मुनियों के अनुभव पर आधारित है। यह पद्धति रोग के उपचार के साथ-साथ जीवन को सन्तुलित रूप से सुरक्षित रखने तथा आयु वृद्धि में भी सहायक हो सकती है। आयुर्वेद हमें सिखाता है कि संतुलित दिनचर्या के माध्यम से अपनी काया को आरोग्यता कैसे प्रदान की जा सकती है। सभी आयुष पद्धति का पालन करें, इसके लिए सामान्य रूप से सरकार ने प्रदेश के अलग-अलग जनपदों में अनेक कार्यक्रम प्रारम्भ किए हैं। प्रदेश में आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना का कार्य पूरा हो चुका है। वर्तमान में प्रदेश में 2,114 आयुर्वेद, 254 यूनानी तथा 1,585 होम्योपैथिक चिकित्सालयों का संचालन किया जा रहा है। लखनऊ तथा पीलीभीत में आयुष की निर्माण शालाओं का निर्माण कार्य अन्तिम चरण में है। 15 जनपदों में 50 शैय्या के इंटीग्रेटेड आयुष चिकित्सालयों की स्थापना कर संचालन प्रारम्भ किया जा चुका है। तीन जनपदों में इनके निर्माण का कार्य प्रगति पर है। विश्वास है कि बहुत शीघ्र हम इन्हें आगे बढ़ा पाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 1,034 आयुष्मान आरोग्य मंदिरों का संचालन किया जा रहा है। 225 आयुष चिकित्सालयों में योग एवं वेलनेस सेंटर को भी प्रारम्भ किया गया है। 395 राजकीय आयुष चिकित्सालयों का निर्माण प्रारम्भ किया गया है। 551 आयुर्वेद, होम्योपैथी तथा यूनानी चिकित्सालयों के उच्चीकरण की कार्रवाई आगे बढ़ाने का काम किया जा रहा है। प्रदेश में बनाये जा रहे हेल्थ एवं वेलनेस सेन्टर प्रधानमंत्री जी की परिकल्पना है। गांवों में आरोग्यता का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए हेल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर, आयुर्वेद हॉस्पिटल, आयुष से जुड़े कॉलेज तथा विश्वविद्यालय महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर रहे हैं। यह सभी संस्थान हेल्थ टूरिज्म के नये केन्द्र बन सकते हैं। उत्तर प्रदेश में इसके लिए व्यापक सम्भावनाएं हैं।

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