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स्वंय और समाज के लिए योग की अहम भूमिका- प्रोफेसर आर. के धीमन

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लखनऊ,(माॅडर्न ब्यूरोक्रेसी न्यूज)ः 10वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में एसजीपीजीआई द्वारा आयोजित एक सप्ताह की गतिविधियों का आज योगाचार्य डॉ. रवींद्र वर्मा और आंचल वर्मा द्वारा विभिन्न आसनों के प्रदर्शन के साथ समापन हुआ। इस सप्ताह के दौरान, विभिन्न समूहों के लिए विभिन्न सत्र आयोजित किए गए, जिनमें गर्भवती महिलाओं और तंत्रिका संबंधी विकारों से पीड़ित लोगों के लिए योग शामिल था।
20 जून को एक योग सेमिनार आयोजित किया गया। संस्थान के निदेशक, प्रोफेसर आर. के धीमन ने दोषपूर्ण जीवन शैली के कारण होने वाली रोगों के प्रबंधन में योग के महत्व की चर्चा की। कार्यवाहक डीन डॉ. अमिता अग्रवाल ने भी योग के महत्व को बताया। दिल्ली विश्वविद्यालय के योग विभाग के डॉ. अमरजीत यादव ने जीवन जीने के समग्र तरीके के रूप में योग के बारे में अपना गहन ज्ञान साझा किया। प्रोफेसर विमल कुमार पालीवाल ने बताया कि तनाव कैसे नुकसान पहुंचा सकता है, जब यह लगातार उच्च स्तर पर मौजूद हो और योगिक जीवन इसके प्रबंधन में कैसे हमारी मदद कर सकता है। वहीं जनरल हॉस्पिटल की वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. प्रेरणा कपूर ने महिलाओं के स्वास्थ्य में योग के महत्व पर चर्चा की।

योग एक महिला के लिए किशोरावस्था से लेकर वृद्धावस्था तक सबसे अच्छा साथी है और स्वास्थ्य और बीमारी दोनों में इसके दूरगामी लाभ हैं। एनेस्थिसियोलॉजी के संकाय सदस्य डॉ. संदीप खूबा ने दर्द प्रबंधन में योग की भूमिका के बारे में बात की। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ आहार विशेषज्ञ डॉ. रमा त्रिपाठी ने किया और धन्यवाद ज्ञापन मुख्य नर्सिंग अधिकारी श्रीमती उषा टेकरी ने किया। वहीं आज 21 जून को संस्थान के लेक्चर थिएटर कॉम्प्लेक्स में सुबह अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। संकाय सदस्यों, अधिकारियों, पैरा मेडिकल स्टाफ और अन्य लोगों सहित 650 लोगों की एक सभा ने सत्र में भाग लिया, जहां योग गुरु डॉ. रवींद्र वर्मा और उनकी पत्नी श्रीमती आंचल वर्मा ने सत्र का संचालन किया। इस अवसर पर प्रोफेसर आर के धीमन ने कहा कि इस वर्ष की थीम – स्वयं और समाज के लिए योग- हमें लोगों के जीवन और व्यापक समुदाय के जीवन को बेहतर बनाने में योग की महत्वपूर्ण भूमिका की याद दिलाती है। डॉ. रवीन्द्र वर्मा ने कहा कि योग उपचार, आंतरिक शांति और शारीरिक, आध्यात्मिक और मानसिक कल्याण प्रदान करने की प्राचीन पद्धति की बेजोड़ शक्ति को पहचानता है।

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